By Goverdhan Makani on September 17, 2024
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Prayer

संगठन सूक्त 

संगच्छध्वं सं वदध्वं सं वो मनांसि जानताम् ।

देवा भागं यथा पूर्वे सं जानाना उपासते ||


समानी व आकूतिः समाना हृदयानि वः ।

समानमस्तु वो मनो यथा वः सुसहासति ||


समानो मन्त्रः समितिः समानी समानं मनः सह चित्तमेषाम्।

समानं मन्त्रभिमन्त्रये वः समानेन वा हविषा जुहोमि ||


सार

प्रेम से मिलकर चलो बोलो सभी ज्ञानी बनो।

पूर्वजों की भांति तुम कर्तव्य के मानी बनो ||


हों विचार समान सब के चित्त मन सब एक हों ।

ज्ञान देता हूँ बराबर भोग्य पा सब नेक हों ||


हों सभी के दिल तथा संकल्प अविरोधी सदा ।

मन भरे हों प्रेम से जिस से बढ़े सुख सम्पदा ||


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